आखरी बार देखेंगे
                                    
                            इस बार शायद उसे हम आखरी बार देखेंगे
आंसुओं जरा संभल जाना वो भी आखरी बार देखेंगे
पल दो पल में भला हम कितना उसको देखेंगे
आंखे हमारी मदद करना उसे हम उम्र भर का देखेंगे
                               गोविन्द कुंवर 
